Vidya ka mahatva nibandh essay hindi gurukul99.com
इस धरती पर मनुष्य ईश्वर की अद्वितीय व श्रेष्ठ रचना है। साथ ही मनुष्य की महत्ता उसकी विद्ता में है। मनुष्य सुंदर हो, यौवन संपन्न हो, उच्च कुल में उत्पन्न हुआ हो, परन्तु उसके पास विद्या नहीं हो तो उसकी कोई शोभा नहीं। इस प्रकार जैसे पुष्प की शोभा सुगंध से होती है, उसी प्रकार मनुष्य की शोभा विद्वान होने में है। तो वहीं हम कह सकते हैं कि विद्या उपयुक्त सभी धनों में सबसे श्रेष्ठ है।
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